पीएम नरेंद्र मोदी आज मध्य प्रदेश के राजधानी भोपाल पहुंचे हैं और यहां देवी अहिल्याबाई सशक्तिकरण महासम्मलेन में भाग ले रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने कई परियोजनाओं की शुरुआत की। दरअसल आज माता अहिल्याबाई होल्कर की आज जन्मजयंती है। ऐसे में मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री मोहन भागवत ने पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया। चलिए बताते हैं कि पीएम मोदी ने अपने संबोधन में किन बातों का जिक्र किया है।
पीएम मोदी के भाषण की अहम बातें
- पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि 140 करोड़ भारतीयों के लिए ये अवसर प्रेरणा का है। राष्ट्रनिर्माण के लिए हो रहे प्रयासों में अपना योगदान देने का है। अहिल्याबाई होल्कर का नाम सुनते ही मन में श्रद्धा का भाव उमड़ पड़ता है। उनके महान व्यक्तित्व के बारे में बोलने के लिए शब्द कम पड़ जाते हैं। देवी अहिल्याबाई प्रतीक हैं कि जब इच्छा शक्ति होती है, दृढ़ प्रतिज्ञा होती है तो परिस्थितियां कितनी भी विपरीत क्यों ना हों, परिणाम लाकर दिखाया जा सकता है। 250- 300 साल पहले जब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा था, उस समय ऐसे महान कार्य कर जाना कि आने वाले अनेक पीढ़ियां उसकी चर्चा करें, ये कहना तो आसान है करना आसान नहीं था।
- पीएम मोदी ने कहा कि अहिल्याबाई ने प्रभु सेवा और जनसेवा इसे कभी अलग नहीं माना। कहते हैं वे हमेशा शिवलिंग अपने साथ लेकर चलती थीं। उस चुनौतीपूर्ण कालखंड में एक राज्य का नेतृत्व कांटों से भरा ताज था। कोई कल्पना कर सकता है कांटों से भरा ताज पहनने जैसा वो काम लेकिन लोकमाता अहिल्याबाई ने अपने राज्य की समृद्धि को नई दिशा दी। उन्होंने गरीब से गरीब को समर्थ बनाने के लिए काम किया। देवी अहिल्याबाई भारत की विरासत की बहुत बड़ी संरक्षक थीं। जब देश की संस्कृति पर हमारे मंदिरों, हमारे तीर्थस्थलों पर हमले हो रहे थे, तब लोकमाता ने उन्हें संरक्षित करने का बेड़ा उठाया। उन्होंने काशी विश्वानाथ सहित पूरे देश में हमारे अनेकों मंदिरों का, हमारे तीर्थों का दोबारा निर्माण कराया। ये मेरा सौभाग्य है कि जिस काशी में लोकमाता अहिल्याबाई ने विकास के इतने काम किए, उस काशी ने मुझे भी सेवा का अवसर दिया है।